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प्यार तुमसे कर लिया है / सुरजीत मान जलईया सिंह

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वक्त से आगे निकलकर
प्यार तुमसे कर लिया है

मूक हैं सब भावनायें
पर तुम्हारा हो गया हूँ
तुम मुझे ढूढोगी कैसी
मैं तुम्हीं में खो गया हूँ
मैंने खुद को अब तुम्हारा
आईना सा कर लिया है
वक्त से आगे निकलकर
प्यार तुमसे कर लिया है

रूठ कर के क्यों हमारी
जान लेने पर तुली हो
कैसे ये बतलाऊँ तुम को
मेरा सब कुछ बस तुम्ही हो
मन की इस दहलीज पर
अधिकार तुमने कर लिया है
वक्त से आगे निकलकर
प्यार तुमसे कर लिया है

कैसे कह दूं कि जो तुमने
समझा है वैसा नहीं हूँ
परखो पहले तुम मुझे फिर
कहना कि ऐसा नहीं हूँ
जैसा तुमने चाह मुझको
वैसा खुद को कर लिया है
वक्त से आगे निकलकर
प्यार तुमसे कर लिया है…