प्यार दिखाकर गोरी तुमने / बाबा बैद्यनाथ झा
प्यार दिखाकर गोरी तुमने,
चैन हमारा छीना है
चली गयी क्यों हमें छोड़कर,
कह दो कैसे जीना है
मुस्काकर तुमने ही पहले,
ध्यान हमारा भंग किया
बहुत हास परिहास हुआ था,
थोड़ा-सा था तंग किया
चुप्पी साधे आज खड़ी हो,
यह तो अच्छी बात नहीं
कहाँ गयी मुस्कान तुम्हारी,
मुख उदास बदरंग किया
ठंड हवा है फिर भी देखो,
बहता आज पसीना है
हमें परस्पर बातें करते,
देख किसी ने टोका है?
या अभिभावक ने डाँटा है,
फिर मिलने से रोका है?
कुछ तो बोलो चुप्पी तोड़ो,
आज बहुत मन व्याकुल है
चलो आज हम भी चलते हैं,
आज सुनहरा मौका है
सह लेंगे अपमान आज हम,
या कह दो विष पीना है
जन्म-जन्म तक साथ निभाने,
की कसमें हम खाते हैं
बात हमेशा जो कहते हैं,
उसको सदा निभाते हैं
बहुत अनोखी जोड़ी होगी,
रख इतना विश्वास सखे!
ठान लिया जो भी जीवन में,
निश्चित उसको पाते हैं
आओ हाथ बढ़ा दो आगे,
हमको साथ निभाना है