भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्यार में चिड़िया / कुलदीप कुमार
Kavita Kosh से
एक चिड़िया
अपने नन्हे पंखों में
भरना चाहती है
आसमान
वह प्यार करती है
आसमान से नहीं
अपने पंखों से
एक दिन उसके पंख झड़ जायेंगे
और
वह प्यार करना भूल जायेगी
भूल जायेगी वह
अन्धड़ में घोंसले को बचाने के जतन
बच्चों को उड़ना सिखाने की कोशिशें
याद रहेगा सिर्फ़
पंखों के साथ झड़ा आसमान