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प्यार में तुम कभी अकबकाना नहीं / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
Kavita Kosh से
प्यार में तुम कभी अकबकाना नहीं।
रोशनी की तरह झिलमिलाना नहीं।।
प्यार ही ज़िन्दगी की दवा है असल।
ज़िन्दगी में कभी हड़बड़ाना नहीं।।
दुश्मनी प्यार से मत करो तुम कभी।
बात बिगड़े अगर तिलमिलाना नहीं।।
याद आऊँ अगर रात में जब कभी।
नीद में तुम कभी बड़बड़ाना नहीं।।
आपसी रंजिशें आ मिटाने चले।
प्यार की शुभ घड़ी यूँ गँवाना नहीं।।