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प्यार में / चंद्र रेखा ढडवाल
Kavita Kosh से
प्यार में
उत्कण्ठा ढूँढता पुरुष
बेलौस
एक मुश्त विस्फोट
आश्वस्ति चाहती
अंग-अंग को
भीख का कटोरा करती
नकार पर झड़ती
स्वीकार पर खिलती
ज़रा-ज़रा कहती
ज़रा-ज़रा रिसती औरत