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प्यार से मुझको प्यार चाहिए/ विनय प्रजापति 'नज़र'
Kavita Kosh से
लेखन वर्ष: 2003
प्यार से मुझको प्यार चाहिए
गुलाबी लबों से इज़हार चाहिए
उसके हसीं चेहरे पे हँसी चाहिए
उसके लिए हर ख़ुशी चाहिए
उसने मुझको दीवाना बनाया है
मेरी आँखों को आशिक़ाना बनाया है
अब हर शै में वही दिखती है
आँखों में उसका ख़ाब चाहिए
मुझको मेरा माहताब चाहिए
प्यार से मुझको प्यार चाहिए
गुलाबी लबों से इज़हार चाहिए
मेरी धड़कनों में वह धड़कती है
उसके बिना सीने में जान तड़पती है
मुझको उसे अपना बनाना है
मुझको वही एक यार चाहिए
दिल में उसका ख़ुमार चाहिए
उसके हसीं चेहरे पे हँसी चाहिए
उसके लिए हर ख़ुशी चाहिए