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प्याली और गुलाब / निज़ार क़ब्बानी
Kavita Kosh से
हमारे प्यार को भुलाने के लिए
अपने दुःख को डुबोने के लिए
मैं कॉफ़ी-हाउस गया
मगर मेरी
कॉफ़ी की प्याली के तल से
एक सफ़ेद गुलाब-सी
उभर आईं तुम ।