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प्यास उतारेंगे / दीनानाथ सुमित्र
Kavita Kosh से
धरती पर आकाश उतारेंगे
बादल के सँग प्यास उतारेंगे
प्यार मोहब्बत की वर्षा होगी
प्रेम एकता की चर्चा होगी
एक नया इतिहास उतारेंगे
धरती पर आकाश उतारेंगे
बादल के सँग प्यास उतारेंगे
आहों का हम नाम मिटा देंगे
छीना-झपटा माल लुटा देंगे
राजा को कर दास उतारेंगे
धरती पर आकाश उतारेंगे
बादल के सँग प्यास उतारेंगे
मन-मन में फिर ज्ञान भरा होगा
शब्द-शब्द विज्ञान भरा होगा
वाल्मीकि औ व्यास उतारेंगे
धरती पर आकाश उतारेंगे
बादल के सँग प्यास उतारेंगे