भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्यास और सावन / उमा अर्पिता

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सावन का
सौंधा अहसास
मेरे कमरे में
भर उठा है
सिर्फ तुम्हारे लिए
मेरे दोस्त,
और तुम हो, कि
अब भी
होंठों पर
प्यास की
कहानी
लिख रहे हो।