Last modified on 29 नवम्बर 2019, at 00:15

प्रणय निवेदन मैं करता हूँ / शिवम खेरवार

प्रणय निवेदन मैं करता हूँ तुम इसको स्वीकार करो,
हिय के निर्मल भावों को प्रिय अब तुम अंगीकार करो।

ठुकराया प्रस्ताव तुम्हारा भूल हुई थी मुझसे,
नीर नयन में सौंपा खारा भूल हुई थी मुझसे,
प्रियतम मुझको क्षमा करो अब साँसों पर अधिकार करो,
प्रणय निवेदन मैं करता हूँ...

दिवस गुज़ारे, माह गुज़ारे, साल गुज़ारा तुमने,
सुबह दुपहरी साँझ पहर में रोज़ पुकारा तुमने,
अब जाकर समझा हूँ मेरी धड़कन से तुम प्यार करो,
प्रणय निवेदन मैं करता हूँ...

साथ चलूँगा डगर तुम्हारे करो भरोसा मेरा,
तुमको इतना कष्ट दिया दिल खूब मसोसा मेरा,
बन पतवार 'शिवम' की नौका, भव सागर से पार करो,
प्रणय निवेदन मैं करता हूँ...