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प्रतिक्रिया / महेन्द्र भटनागर

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अणु-विस्फोट से
जाग्रत महात्मा बुद्ध की बोली

सुनिश्चित शान्ति हो,
सर्वत्र
सद्गति-सतग्रह की कान्ति हो !
सुरक्षित
सभ्यता, संस्कृति, मनुजता हो,
दुनिया से लुप्त दनुजता हो !

मानव-लोक
हिंसा-क्रूरता से मुक्त हो,
परस्पर प्रेम-ममता युक्त हो !
मना पाये नहीं
पशु-बल कहीं भी अब
मरण-त्योहार !

सार्थक तभी
यह ज्ञान का, विज्ञान का
उत्कृष्ट आविष्कार !
अनुपम और अद्भुत
मानवी उपहार !