मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
प्रथम तोहर सुनिय सोहर, प्रथम मास अखाढ़ यो
हमरो बालम ओतहि गमाओल, कोना खेपब छबो मास यो
साओन आहो रामा सर्व सोहाओन, फूलल बेलि-चमेलि यो
ओहि फूल देखि भमरा लुबुधल, करय मधुर संग खेलि यो
भादव आहो रामा रैनि भयाओन, दोसर राति अन्हार यो
ओहि जल बिच दादुर कुहुके, कुहुकि-कुहुकि हिया साल यो
आसिन आहो रामा आस लगाओल, आसो ने पुरल हमार यो
आसो जे पुरलै, कुबजी सौतिनियाँ, मोर कंत राखल लोभाय यो
कातिक आहो रामा कन्त उरन्त भेल, प्रेमनाथ बताह यो
ककरा संगे हम कातिक खेपब, के कहत निज बात यो
अगहन आहो रामा, सारिल लुबुधि गेल, लबि गेलै सब रंग धान यो
चिड़ै-चिनमुन सब सुखहिं खेपहिं, हम धनि विरह बताहि यो