प्रभुदयाल श्रीवास्तव / परिचय
मेरा जन्म मध्य प्रदेश के दमोह नगर के धरम पुरा मोहल्ले में हुआ था। पिता लाला राम सहाय श्रीवास्तव जो ब्रिटिश शासन के अत्याचारों से रेलवे मोहकमे की नौकरी छोड़कर धरमपुरा रियासत में ही काम करने लगे थे का आकस्मिक निधन होने से माँ भागवती देवी ने परिवार सम्हाला। लेकिन बड़े भाई साहब की भी अचानक मृत्यु हो जाने से बड़ी बहन सावित्री देवी ने शिक्षक की नौकरी कर परिवार को संभाला और मुझे पढ़ाया लिखाया।
मैंने पॉली टेक्निक कालेज नौगांव से इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल में सेवाएँ देते हुए कार्य पालन यंत्री पद से जनवरी 2003 में छिंदवाड़ा में सेवा निवृत्त हुआ। साहित्य मेरा शौक है और बाल साहित्य मेरी जिंदगी।
कृतियाँ
- दूसरी लाइन (व्यंग्य संग्रह) शैवाल प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित
- बचपन गीत सुनाता चल (बाल गीत संग्रह) बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित
- बचपन छलके छल-छल-छल (बाल गीत संग्रह) बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित
- दादाजी का पिद्दू बाल कहानी संग्रह (२२ बाल कहानियाँ) रवीना प्रकाशन दिल्ली
- अम्मा को अब भी है याद (बाल कविता संग्रह) ५१ बाल कवितायेँ रवीना प्रकाशन दिल्ली
- मुठ्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह ) १२१ बाल कवितायेँ रवीना प्रकाशन दिल्ली
- सतपुड़ा सप्तक साझा संकलन (सात कवियों की कवितायें) बोधि प्रकाशन जयपुर।
बाल साहित्य में विशेष रूचि। अब तक लगभग 80 स्कूली पाठ्यक्रम किताबों में बाल कवितायें, कहानियाँ, बाल एकांकी शामिल |