प्रवेश द्वार / साईटर सीटोमौरांग / श्रीविलास सिंह
चालीस क़ैदी उतरते हैं दो ट्रकों से
अनुशासित तरीके से
जेल के दरवाज़े के सामने ।
खुलता है विशाल प्रवेश द्वार
सब कुछ होता है ठीक से, आदेश के अनुसार
(वापस जा रहे ट्रकों की आवाज़ में
दब जाती है पंक्तियों की गिनती की ध्वनि)
कमाण्डर घूरता है क़ैदियों को एक एक कर
जब वे चल रहे हैं पंजों के बल
पराजितों का अनन्तकालीन विन्यास
मैं हूँ उनमें से एक
क़दम रखता अपने ही ह्रदय की दहलीज़ पर
अतीत और वर्तमान के प्रवेश द्वार से
अस्तित्व का एक क्षण
मनुष्य बन्दी बनाता हुआ मनुष्य को
अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह
लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Sitor Situmorang
Gateway
Forty detainees step down from two trucks
in ordered fashion
before the prison door.
The massive gateway gapes.
All goes smoothly, according to command
(the roar of the trucks now leaving
overpower the sound of the rows counting off)
The commander stares at the detainees, one by one,
as they walk by in twos
the eternal formation of the vanquished.
I am one of them
stepping over the threshold of my own heart
through the gateway between past and present
The single moment of existence
Man imprisoning man.
1977