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प्रश्न पत्र / कविता पनिया
Kavita Kosh से
हर दिन नए विषयों का प्रश्नपत्र दिया जाता है
जहाँ भी जाओ एक परीक्षा केंद्र होता है
हल करने होते हैं
सभी प्रश्न तत्काल साबित करनी होती है योग्यता
अध्याय जिन्हें कभी न पढ़ा हो
आ जाते हैं प्रश्न बन समक्ष
संभव है कुछ शब्दों के पर्याय तो
कुछ के विलोम भी लिखने होते हैं
मैं पूर्ण करुं उत्तर घंटी की ध्वनि गूँजती है
छीन ली जाती है उत्तर पुस्तिका
अनजान परिणामों का भय कितना कुछ होता है
किंतु फिर नया शोध प्रारंभ करती हूँ
नए परीक्षा भवन का द्वार खुलता है
उत्तरों की खोज प्रारंभ होती है
जीवन परीक्षा भवन और हम विद्यार्थी हैं।