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प्रसिद्धि और प्रेम / आन्ना अख़्मातवा

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हंस की तरह
             तैर रही है प्रसिद्धि
सुनहरी धुन्ध के पार,

और प्रेम !
तुम हमेशा रहे ऐसे —

निराश किया मुझे
               रहे मुझ पर उधार ।

1910 का दशक

मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी में पढ़िए 
               Анна Ахматова
        И слава лебедью плыла…

И слава лебедью плыла
Сквозь золотистый дым.
А ты, любовь, всегда была
Отчаяньем моим.

1910-е годы