प्रसूति कक्ष में मुर्गा / सोलोमन ओचवो-ओबुरु / अनिल जनविजय
एक मुर्गे को एक कुँवारी मुर्गी मिली
दोनों ने मिलकर अच्छा समय बिताया
अपने बॉय फ़्रैण्ड को वो रोज़ गीत सुनाती थी
लेकिन जल्दी ही उसके पैर भारी हो गए
जब प्रसूति का समय नज़दीक आया
और मुर्गी के पेट में दर्द होने लगा
मुर्गा मुर्गी की प्रसूति के लिए
जगह सुरक्षित करने अस्पताल पहुँचा
लेकिन कोई एक बच्चा तो होने वाला था नहीं
एक, दो, तीन, बहुत से बच्चों को
जन्म दिया उसकी सहेली ने
बच्चे जनमाते-जनमाते दाइयाँ थक गईं
लेकिन मुर्गा नहीं थका
बच्चों के आँखें नहीं थीं
मुँह नहीं थे बच्चों के
उन बच्चों की नाक नहीं थी
उन बच्चों का तन-बदन नहीं था
सिर्फ़ गोल अण्डाकार थे बच्चे
लेकिन मुर्गा वहाँ से नहीं हटा
उसने अपनी मुर्गी को दिलासा दिया
ढाढ़स बन्धाया उसे
’अब 21 दिन तक हम ख़ुश रहेंगे’
और फिर हुआ यह
दड़बे में दिखाई दिए ख़ूबसूरत नन्हें बच्चे
जैसे ओला-तूफ़ान आए हों एक साथ
बिल्ली अपने होंठ चाटने लगी
नेवला अपनी पूँछ फटकारने लगा
लेकिन मुर्गा ज़रा भी नहीं घबराया
वो तो, बस, कुकड़ू कूँ करता रहा
और अपनी कर्कश आवाज़ में ख़ुश होता रहा
चेतावनी देता रहा सबको कि वह सुपर पॉवर है ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब मूल अँग्रेज़ी में यह कविता पढ़िए
Solomon Ochwo-Oburu
Cock in Maternity Ward
Cock got virgin spouse
they spent nice times together
she sang melodies to boyfriend
but soon she was pregnant
labor moment came with pains
Cock went to maternity ward
asking for space to labor the child
but one child it was not
One, two, three, many children
girlfriend gave birth
midwives were tired, not Cock
eyes- babies did not have
mouth- babies did not have
nose babies did not have
body- babies did not have
only round oval they were
But cock was not moved
he consoled spouse on and on
“21 days we shall be happy”
It happened; beautiful babies
came from manger
hail-storm gathered, kite licked its lips
and mongoose wagged its tail
the Cock never worried
he kept on scouting and crowing
alerting all that he was super power