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प्रस्ताव / स्वप्निल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
मेरा प्रस्ताव है कि हत्यारों और भ्रष्टाचारियों के लिए
सम्मानसूचक वाक्यों का प्रयोग
न किया जाये
उनके चेहरों का नफरत से तब तक
घूरा जाये जबतक वे अपना गुनाह
न कुबूल कर लें
उन्हें सार्वजनिक स्थल पर ले जाकर
कहा जाये कि यह आदमी नहीं
आदमखोर है
इसके दांत कई लोगों के खून से
रंगे हुए हैं
उनके मकान पर एक बोर्ड लगा
दिया जाये, जिसपर लिखा हो कि
यहां एक हत्यारा अथवा भ्रष्टाचारी
रहता है, जिसके मुंह में बत्तीस दांत की
जगह चौंसठ दांत हैं
वह दूसरे के खून से अपना मुंह साफ करता है
मेरे भीतर बहुत गुस्सा इकट्ठा हो गया है
मुझे अपना क्रोध प्रकट करने की
अनुमति दी जाये