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प्राक्जान्त्विक आस्वाद / रणजीत
Kavita Kosh से
जब तुम मेरे शरीर को सहलाती हो
मेरी आँखें बन्द क्यों हो जाती हैं?
क्योंकि त्वचा सबसे प्राचीन इन्द्रिय है
और आँखें सबसे बाद की
विकास के क्रम में
त्वचा ने ही विशेषीकरण के द्वारा
नाक, कान, जीभ और आँखों का रूप धारण किया है।
जब तुम अपनी अंगुलियों से, हथेली से, त्वचा से
मेरी त्वचा का स्पर्श करती हो
मैं अपनी शेष सभी इन्द्रियों को मूंदकर
अपनी त्वचा से तुम्हारी त्वचा का स्वाद लेता हूँ
एक प्रागैतिहासिक, प्राक्मानविक,
प्राक्जान्त्विक आस्वाद
और उसमें डूब जाता हूँ।