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प्राणहन्ता शिशिर / ऋतु रूप / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

के सकेॅ पारतै शिशिर सेॅ?
आगिन तक बर्फ लगै
सूर्य लगै चन्दौ सेॅ शीतल
केसर के लेप लगै चन्दन रं
छूऔ मेॅ लागै छै डोॅर
एकदम ठहार होलोॅ पानी केॅ
हेना मेॅ के करतै जल क्रीड़ा
के सकेॅ पारते शिशिर सेॅ।

कटियो नै कुछुवो सुहावै
कनकन्नोॅ उतराहा हवां
जे जारी केॅ राखलोॅ छै
पोखरोॅ के सब्भे टा नील कमल।
की होलै
शिशरोॅ के स्वागत मेॅ
फुललोॅ छै कुन्द फूल बोहे रं
आरो कुछ दोनोॅ के फूल।
शिशिर रहतै सब्भै लेॅ जीवन भर
प्राणहन्ता
के सकेॅ पारतै शिशिर से?