स्याही और आँसुओं के बीच
शब्द
सिर को ऊँचा उठाकर
करता है साष्टाँग प्रणाम
उसके इस दिव्य आह्वान से
जगमगा उठता है
पन्ना ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : विपिन चौधरी
स्याही और आँसुओं के बीच
शब्द
सिर को ऊँचा उठाकर
करता है साष्टाँग प्रणाम
उसके इस दिव्य आह्वान से
जगमगा उठता है
पन्ना ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : विपिन चौधरी