मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब
कथी बिनु सुन भेल वन के हरिनियां
कथ बिनु झामरि देह
प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब
खढ़ बिनु सुन भेल बनकेँ हरिनियाँ
पहु बिनु झामरि देह
प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब
खाट तुराइ सेहो भेल सपना
भुइयां लोटे नामी-नामी केश
प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब
तेल फुलेल सेहो भेल सपना
भस्म भुइयां लोटत इहो केश
प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब
सूरदास प्रभु तोहरे दरस के
ईहो फागुन दिन चारि
प्रीतम श्याम बिनु दुख कतेक दिन करब