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प्रीत-6 / विनोद स्वामी
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					तूं बेरड़ी रै जिका भाटा मारया
बां नै देख म्हैं 
याद करूं बै मीठा दिन,
पेडै में फंस्योड़ा 
अै भाटा 
तेरो दियोड़ो निजराणो-सो लागै 
आज।
 
	
	

