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प्रीत / ओम पुरोहित ‘कागद’
Kavita Kosh से
प्रीत पांगळी
चालै हळवां
पकड़ आंगळी
कथी अलेखूं
मथी कहाणीं
निकळी कूड़
पूगी भागती
फगत ऐकली
पगां उभाणीं।