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प्रेमगीत / हरमन हेस
Kavita Kosh से
मैं, हिरण हूँ और तुम हो हिरणी
चिड़िया हो तुम और मैं हूँ पेड़,
सूरज हो तुम और मैं हूँ बर्फ़ ,
तुम हो दिन और मैं हूँ सपना ।
रात में मेरे सोते हुए मुख में से
उड़कर आती है तुम्हारे पास एक सोने की चिड़िया
आवाज़ सुन्दर है उसकी, पंख हैं रंगीन उसके
वह तुम्हारे लिए प्यार भरा गीत गाती है
वह तुम्हारे लिए मेरा ही गीत गाती है ।।
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय