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प्रेम-गीत / संतोष अलेक्स
Kavita Kosh से
हमारे
प्यार से
सहपाठी ईर्ष्या करते थे
आम प्रेमियों की तरह
हमने
कुछ नहीं किया
इसलिए
आज भी हम
प्यार करते हैं
उसका अपना परिवार है
मेरा अपना