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प्रेम-10 / सुशीला पुरी
Kavita Kosh से
प्रेम
कबूतरों का
वह जोड़ा है
जो पिछली कई सदियों से
पर्वत-गुफ़ाओं में
गुटर-गूँ करता
पर दिखता नहीं है
दिखती हैं सिर्फ़
उनकी अपलक-सी आँखें
और आँखों का पानी