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प्रेम-6 / सुशीला पुरी
Kavita Kosh से
प्रेम
एक नन्ही गिलहरी है
जो बरगद की त्वचा पर
उछलती-फुदकती
बनाती रहती है
अनन्त अल्पनाएँ
और
पास जाते ही
भागकर छिप जाती है
ऊँचे अनदेखे
अनजाने कोटरों में ।