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प्रेम और नफ़रत के बारे में / मुकेश मानस


किसी भी इंसान से प्रेम करो
या मत करो
मगर नफ़रत तो बिल्कुल मत करो

नफ़रत करो
सिर्फ़ शोषक से
शोषणकारी विचारों के पोषक से
2009