भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रेम करने वाले / आतो रीनी कास्तिलो / यादवेन्द्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दो अदद प्रेमी
जो अभी एक-दूसरे को चूम रहे हैं
जानते नहीं
कि उन्हें बिछुड़ना पड़ेगा
पल भर में...।

दो अदद प्रेमी
जिन्होंने अभी एक दूसरे को
ढंग से जाना भी नहीं है
जानते नहीं कि जल्दी ही
उनको लगने लगेगा कि वे तो
जानते-पहचानते रहे हैं एक दूसरे को
मुद्दतों से...।

अफ़सोस
जिन्होंने पा लिया एक-दूसरे को
उन्हें अभी ही होना पड़ेगा जुदा...।

अफ़सोस
जिन्हें आस है एक दूसरे से मिलने की
अभी भी
उनको ही अब करनी पड़ेगी प्रतीक्षा
हमेशा-हमेशा के लिए..।

अँग्रेज़ी से अनुवाद — यादवेन्द्र

लीजिए, यही कविता स्पानी में पढ़िए

 Los amantes

    Se hab;an
    encontrado hace poco.
    Y hace pronto
    se hab;an separado,
    llev;ndose
    cada uno consigo
    su nunca o su jam;s
    su afirmaci;n de olvido,
    su golpeador dolor.

    Pero el ;ltimo beso
    que volara de sus bocas,
    era un planeta azul.
    Girando
    en torno a su ausencia.
    Y ellos
    viv;an de su luz
    igual que de su recuerdo.