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प्रेम का दरिया / भारत यायावर
Kavita Kosh से
फ़ैज की कविता
और इकबाल बानो की आवाज़ !
दोनों को प्यार करता हूँ
इन शब्दों के साथ
जब प्रेम की दरिया में बहकर
हम अपनी हक़ीक़त देखेंगे
हम अपनी सूरत देखेंगे
हर झूठ से मुँह को फेरेंगे
नफ़रत से भरे इनसानों में
चाहत के इरादे देखेंगे
हम देखेंगे !

