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प्रेम की शक्तियाँ / प्रतिभा चौहान
Kavita Kosh से
तपते हुए ललाट पर
चुम्बन की शीतल पट्टियाँ रख दी तुमने
ला दिया उसी वक़्त मेरी मुट्ठी में
सारा ब्रह्माण्ड....
बना दिया चाँद को मेरा आईना
कहते हैं ईश्वर ने सृष्टि बनाते वक़्त सारी शक्तिया~म प्रेम में डाल दीं
कर दी गई थी समस्त विश्व की नदियाँ उसके नाम !
समुद्र की गहराई को भी उथला रखा गया उसकी गहराई के आगे
केसरिया कलावा के मानिन्द बाँधा हर मनुष्य की कलाई पर
धरती पर आने से पहले
कुछ सामग्री डाली गई चमत्कृत प्रार्थनाओं में
हे ईश्वर !
तुमने नफ़रत में तो कुछ नहीं डाला था !