कच्चे आँगन में रखे हारे में
रधता है घरेलू पशुओं के लिए चाट
खबल दबल
ठीक उसी तरह दिन रात
सपनों की गुनगुनी आंच तले
आत्मा की हांड़ी में
पकने छोड़ दिया हैं अपने इस प्रेम को
प्रेम किया है
तो लाजिम है कि इसे दुनिया से
छुपा कर किया गया है
इस पर दुनिया की दुखती नजरें
सबसे पहले लगेंगी
जब भी मैं प्रेम को साथ में ले कर निकलती हूँ
तब प्रेम के गुलाबी गालों पर काला तिल लगा कर ही
दुनियादारी का अहाते में पहुँचने वाले
फाटक की सांकल खोलती हूँ