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प्रेम पियारे / केशव तिवारी
Kavita Kosh से
तलवार से बचना सीख लिया है
तो नहन्नी* से मारे जाओगे
बारिश में तो बच लोगे
जब चाँदनी रात में गिरेगी चिर्री तब
घृणा - घृणा कहते हुए थोड़ा सुध में रहो
लपक के पिओगे प्रेम पियाला और
ऐंठ जाओगे
प्रेम पियारे…
शब्दार्थ
- नहन्नी = नाखून काटने का यंत्र