भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रेम बिना जीवन नीरस सरस प्रेम सरसाय / शिवदीन राम जोशी
Kavita Kosh से
प्रेम बिना जीवन नीरस सरस प्रेम सरसाय,
धन्य दिवस प्रेमी मिले प्रेम सुधा बरसाय।
प्रेम सुधा बरसाय प्रेम फल ईश्वर अरपन,
फल चारों मिल जाय ज्ञानमय देखो दरपन।
कर भक्ति भगवान की राम नाम के संग,
उर शिवदीन निहारले अनुपम अद्भुत रंग।
राम गुण गायरे।।