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प्रेम - अेक / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
नेह रौ फूल हुवै है प्रेम
देह रौ ‘टूल’ हुवै है प्रेम
मन रौ भोळौ हुवै प्रेम
मांय स्यूं धोळौ हुवै प्रेम
घणौई बोळौ हुवै प्रेम
बम रौ गोळौ हुवै प्रेम
भौत ई गूंगौ हुवै प्रेम
भौत ई मूंगौ हुवै प्रेम
हिंयै रौ आंधौ हुवै प्रेम
सांतरौ कांधौ हुवै प्रेम
ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम
ठा’ नीं कद खो ज्यावै प्रेम।