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प्रेम / अर्चना कुमारी
Kavita Kosh से
विप्रलब्ध नायक
सांसों को हुक्म मानकर
पदचापों की आहटों के
आरोह अवरोह में जीता है
जा चुकी नायिका का
उसमें बने रहना ही
प्रेम होता है शायद।