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प्रेम / अशोक वाजपेयी
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वह यहाँ नहीं है
वह यहीं है
मैं वहाँ नहीं हूँ
मैं वहीं हूँ ।
वह यहाँ नहीं है
वह मुझमें है ;
मैं वहाँ नहीं हूं
मैं उसमें हूँ ।
यहाँ नहीं वहाँ नहीं
फिर भी यहाँ-वहाँ एक साथ
मुझमें वह उसमें मैं एक साथ
प्रेम इसके अलावा और क्या है ?