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प्रेम / रोज़ा आउसलेण्डर
Kavita Kosh से
मिलेंगे हम दोनों फिर से
समुद्र में
तू पानी की तरह
मैं कमल के फूल की तरह
तू मुझे ले जाएगा
करूँगी मैं तेरा रसपान
एक ही हैं हम
सबकी आँखों के सामने I
यहाँ तक कि तारे भी
हैं आश्चर्यचकित
बदल लिए हैं यहाँ
रूप दोनों ने
सपनों में तेरे
जो तूने चुने हैं II
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित