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प्रेम / संगीता कुजारा टाक
Kavita Kosh से
कल रात
जिस पौधे से
बातें की थी
तुम्हारे बारे में
सब से चुप कर
माली बता रहा था
आज उस में फूल उगाए हैं
प्रेम छुपाए नहीं छुपता
है न!