प्रेसिओसा और हवा का झोंका / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का
दामासो आलोंसो के लिए
अपनी डफ़ली बजाती हुई
चली आ रही है प्रेसिओसा,
कल्पवृक्षों से सजी,
चमकती रहगुज़र से ।
दूर उठी बहुत पुरानी कोई धुन और
फैल जाती है ख़ामोशी धुन्ध की मानिन्द
मछलियों की गन्ध से लिपटी रात में
मचलता हुआ समुद्र
गीत गाता है ।
पर्वतों की धवल चोटियों की सुरक्षा में
उनींदे वे सिपाही, वहाँ
जहाँ अंग्रेज़ों की रहनवारी है ।
समुद्री बंजारे
बिताने के लिए
अपना ख़ुश और खाली वक़्त
बनाते हैं कुंज,
समुद्री शंखों
और चीड़ की हरी टहनियों से ।
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अपनी डफ़ली बजाती हुई
आती है प्रेसिओसा ।
उसे देखते ही उठ बैठता है
कभी न सोने वाला हवा का आलसी झोंका ।
आशीर्वचनों की बरसात करने वाले,
बाँसुरी की मधुर तान में खोए,
नग्न,
संत किस्टोफ़र,
देखते हैं उसे, अचानक ।
"लडकी, मुझे उठाने दे अपने वस्त्र
ताकि देख सकूँ तुम्हें ।
मेरी बुजुर्ग उंगलियों पर खिल जाने दे
अपने गर्भ का नीला फूल ।"
प्रेसिओसा फेंक देती है अपनी डफ़ली
और भागती है बेतहाशा ।
हवा का शिकारी झोंका करता है पीछा
जलती तलवार लिए ।
समुद्र समेटता है अपनी फुसफुसाहटें।
पीले पड़ जाते हैं जैतून के सदाबहार पेड़ ।
गाने लगती हैं
परछाईं की बाँसुरी
और बर्फ़ की सपाट सिल्लियाँ
प्रेसिओसा,
भाग, प्रेसिओसा
कि तुम्हें धर लेगा हरे रंग का झोंका
भाग, प्रेसिओसा
भाग !
देख, किधर से आया वो
अपनी लपलपाती जीभ के साथ
ढलती उम्र का विलासी संत ।
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प्रेसिओसा
भयभीत,
घुसती है उस घर में,
चीड़ के पेड़ों के पार
जहाँ रहता है वह अंग्रेज़ी राजदूत ।
उसकी चीख़ से आतंकित
निकलते हैं तीन रक्षक,
उनके लबादे चुस्त,
टोपियाँ उनकी मंदिरों जैसी ।
अंग्रेज़ उसे देता है
दूध का गर्म प्याला,
और पैमाने भरा ज़िन
प्रेसिओसा जिसे नहीं पीती ।
और जब वह सुना रही होती है रोकर,
उन्हें अपनी दास्तान
हवा का गुस्सैल झोंका,
काटता रहता है
स्लेट की खपरैलें ।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीकान्त'