शीर्षक: प्लास्टिक मृत्यु
बचपन में हम
बग़दाद में
प्लास्टिक के हथियारों से
मौत का खेल खेलते थे
हम पड़े रहते थे फर्श पर
लाश की तरह अविचल
एक-दो मिनट के लिए
फिर हँस पड़ता हममें से कोई
और उजागर हो जाती
हमारी प्लास्टिक मृत्यु
हम एक-दूसरे को यूं थामते
जैसे मरणासन्न व्यक्ति जीवन को
और फिर खेलने लगते अगला खेल
कितने साल गुज़र गए
और निर्वासन में
धूमिल होता जा रहा
हमारे बचपन का बग़दाद
बहुत दूर से
हम देखते हैं
बच्चों को जो दिखते हैं
ठीक वैसे, जैसे हम दिखते थे
वे भी मारते हैं
एक-दूसरे को
पड़े रहते हैं फर्श पर अविचल
पर हँसता नहीं
उनमें से कोई
जीवित नहीं रहता
उठकर खड़ा नहीं हो जाता।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया