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प्यार एक अफ़वाह है / अरुणा राय
Kavita Kosh से
प्यार
एक अफ़वाह है
जिसे
दो जिद्दी सरल हृदय
उड़ाते हैं
और उसकी डोर काटने को उतावला
पूरा जहान
उसके पीछे भागता जाता है
पर
उसकी डोर
दिखे
तो कटे
तो
कट कट जाता है
सारा जहान
उसकी अदृश्य डोर से
यह सब देख
तालियाँ बजाते
नाचते हैं प्रेमी
और गुस्साया जहान
अपने तमाम सख्त इरादे
उन पर बरसा डालता है
पर अंत तक
लहूलुहान वे
हँसते जाते हैं
हँसते जाते हैं
अफ़वाह
ऊँची
और ऊँची
उड़ती जाती है।