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फंसणो / निशान्त
Kavita Kosh से
कई जिग्यां
फंसणो तो
आदमी रै सारै कोनी
जियां जलम में
नौकरी में
घर-गिरस्थी में
पण मोटर -गाड्यां में
या बंद आद में
फंस ज्यावां तो
बड़ी झाळ आवै ।