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फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर
जब छिनरो भेली आठ बरिसकेँ, बाली ओ पासा ने सोहाय
ऊपर सँ माँगय झुमका ओ टीका, ई घर रहय की जाय
फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर
जब छिनरो भेली चौदह बरिस के, सूती ओ उली ने सोहाय
ऊपर सँ माँगय सिल्कक साड़ी, ई घर रहय की जाय
फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर
जब छिनरो भेली सोलह बरिस के, भइया के बोल ने सोहाय
ऊपर सँ माँगय कओलिजिया छौंड़ा, ई घर रहय कि जाय
फल्लाँ छिनरिया गे तोरो जुआनी भागलपुर मे शोर