भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फ़ना होने की तैयारी हमारी / अलका मिश्रा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

फ़ना होने की तैयारी हमारी
बला की है वफ़ादारी हमारी

दवा कोई न काम आई अभी तक
अजब दिल की है बीमारी हमारी

हमारी सादगी को आपने क्या
समझ रक्खा है लाचारी हमारी

छुड़ा कर हाथ साए भी हुए गुम
कहाँ ले आई ख़ुद्दारी हमारी

छुपे एहसास ज़िंदा हो उठेंगे
ग़ज़ल में है वो फ़नक़ारी हमारी