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फ़र्क़ / वीरा
Kavita Kosh से
बच्चा
देखता है
उड़ता हुआ हवाई जहाज
बच्चा
हाथ उठा-उठाकर
हमें दिखाता है
ऊँचे आसमान पर
उड़ता हुआ हवाई जहाज
बच्चा
देखता है-- आसमान और
हवाई जहाज
और ख़ूब-ख़ूब
ख़ुश होता है
किलकारियाँ भरता है
हम सोचते हैं उड़ान और
अपने बारे में
हम उदास हो जाते हैं
( रचनाकाल : 1983)