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फ़ासिस्ट-2 / देवी प्रसाद मिश्र
Kavita Kosh से
मैंने एक आदमी से कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं तो
उसने कहा कि वह मनुष्य है
मैंने उस आदमी से कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं तो
उसने कहा कि वह शाकाहारी है
मैंने उस आदमी से फिर कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि उसके पास आधारकार्ड है
मैंने कहा कि आप कुछ कीजिए आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि उसके पास सत्तर फ़ीसदी के
अल्पमत की तुलना में तीस फ़ीसदी का बहुमत है
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा कि असहिष्णुता की शिकायत करने वाला
शाहरुख जैसा महानायक तक
गा रहा है कि रंग दे मुझे रे गेरुआ
मैंने कहा कि आप फ़ासिस्ट हैं
तो उसने कहा — हैंच्चो, अब जो हैं हम ही हैं