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फ़िलिस्तीन / इब्तिसाम बरकत
Kavita Kosh से
दफ़्तर के लिए सामान बेचने वाले
स्टोर के कैश काउन्टर के सामने
मैं ख़ुद को तैयार कर रही हूँ
इस दुनिया को ख़रीदने के लिए —
जी, ग्लोब ख़रीदना है मुझे .....
पचास डॉलर, दुकानदार कहता है,
एक सौ पिचानवे मुल्क
सिर्फ पचास डॉलर में !
मैं सोच रही हूँ —
इसका अर्थ है
पच्चीस सेंट में एक मुल्क!
क्या यह हो सकता है
कि मैं अपने पूरे पैसे तुम्हें दे दूँ ,
और तुम फ़िलिस्तीन उछाल दो मेरी तरफ़ ?
किस जगह चाहिए तुम्हें ? वह पूछता है ।
जहाँ कहीं भी
फिलिस्तीनी हैं ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणि मोहन मेहता