फ़ासले कुछ कम हुए हैं
वो ज़रा से नम हुए हैं
प्यार के दो लफ़्ज़ तेरे
ज़ख़्म पर मरहम हुए हैं
साथ छोड़ा है ख़ुशी ने
दर्द अब हमदम हुए हैं
इश्क़ में देखा है मैंने
शोले भी शबनम हुए हैं
दो क़दम मंज़िल रही है
और हम बेदम हुए हैं
फ़ासले कुछ कम हुए हैं
वो ज़रा से नम हुए हैं
प्यार के दो लफ़्ज़ तेरे
ज़ख़्म पर मरहम हुए हैं
साथ छोड़ा है ख़ुशी ने
दर्द अब हमदम हुए हैं
इश्क़ में देखा है मैंने
शोले भी शबनम हुए हैं
दो क़दम मंज़िल रही है
और हम बेदम हुए हैं